प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को सरकार की ओर से बड़ी राहत प्रदान की गई है। इसके तहत, सरकार ने प्राइवेट स्कूल संचालकों के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं।
यदि आपका बच्चा भी प्राइवेट स्कूल में पढ़ता है, तो यह खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। अक्सर देखा गया है कि प्राइवेट स्कूल मनमानी फीस वसूलते हैं। इसके अलावा, स्कूली समान जैसे कॉपी, किताबें, जूते, जुराबें और स्कूली ड्रेस भी स्कूल खुद ही बेचते हैं, जिससे वे मनचाहे दाम वसूल लेते हैं। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने नई गाइडलाइंस जारी की हैं जो अब इस पर रोक लगाएंगी।
दरअसल, सरकार को लगातार प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ शिकायतें मिल रही थीं। इन शिकायतों को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने अब दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। ये दिशा-निर्देश नए शिक्षण सत्र की शुरुआत से ही लागू हो गए हैं। शिक्षा विभाग की ओर से 10 सूत्रीय गाइडलाइन जारी की गई है, जिसमें स्कूलों द्वारा फीस बढ़ाने पर भी रोक लगाने के निर्देश शामिल हैं।
स्कूल स्तरीय फीस कमेटी द्वारा अनुमोदित फीस के अलावा किसी भी अन्य प्रकार का शुल्क वसूलना फीस एक्ट का उल्लंघन माना जाएगा। ऐसी स्थिति में, यदि स्कूल संचालक फीस के नाम पर अतिरिक्त वसूली करते हैं, तो उन्हें वह राशि स्टूडेंट और पेरेंट्स को वापस करनी होगी।
स्कूल स्तरीय फीस कमेटी द्वारा निर्धारित फीस तीन सेक्शन के छात्रों के लिए लागू होगी और इसे कुछ समय के लिए ही नहीं, बल्कि तीन साल के लिए स्थिर रखा जाएगा। अर्थात, कोई भी प्राइवेट स्कूल संचालक तीन साल तक फीस नहीं बढ़ा सकेगा।
प्रदेश के स्कूलों में पेरेंट्स टीचर मीटिंग का आयोजन अनिवार्य किया गया है। साथ ही, स्कूल स्तरीय फीस कमेटी का गठन करना और इसके द्वारा अनुमोदित फीस को पीएसपी पोर्टल पर सालाना और मासिक आधार पर पीडीएफ फॉर्मेट में अपडेट करना भी अनिवार्य है।
निजी विद्यालयों को अपने संबद्ध शिक्षा बोर्ड (जैसे कि मा. शि. बोर्ड, राजस्थान, सीबीएसई, सीआईएससीई, सीएआईई आदि) के नियमों और उपनियमों का पालन करते हुए उनके पाठ्यक्रम के अनुसार प्रकाशित पाठ्य पुस्तकों का उपयोग करना अनिवार्य होगा। इन पुस्तकों की सूची लेखक, प्रकाशक के नाम और मूल्य के साथ अपने नोटिस बोर्ड या वेबसाइट पर सत्र प्रारम्भ होने से कम से कम एक माह पूर्व प्रदर्शित करनी होगी, ताकि विद्यार्थी और अभिभावक अपनी सुविधानुसार खुले बाजार से इन्हें खरीद सकें।
इसके अलावा, पाठ्य सामग्री, स्टेशनरी, यूनिफॉर्म, जूते, टाई, बेल्ट आदि की बिक्री के लिए विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करना आवश्यक होगा। निजी विद्यालयों में विशेष योग्यजन (दिव्यांग) विद्यार्थियों और छात्राओं के लिए भी विशेष प्रावधानों का पालन सुनिश्चित करना होगा, जैसा कि विभाग द्वारा निर्देशित किया गया है।
छात्रों पर मानसिक या शारीरिक दंड/प्रताड़ना से संबंधित शिकायतों में संवेदनशीलता बरतते हुए त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। सभी निजी विद्यालय नियमित अंतराल पर शिक्षक-अभिभावक मीटिंग (PTM) आयोजित करना सुनिश्चित करेंगे, ताकि स्कूल से संबंधित समस्याओं और छात्र की प्रगति के संबंध में अभिभावक और शिक्षक के बीच समन्वय स्थापित हो सके। इन बैठकों की कार्यवाही का विवरण संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी को भेजना भी अनिवार्य होगा।
private School guideline Check
उपरोक्त सभी प्रकार की अद्यतन सूचनाएं विद्यालयों के नोटिस बोर्ड या वेबसाइट पर प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा। इस क्रम में सभी अधिकारी व्यक्तिगत रूप से प्रभावी प्रबोधन कराते हुए कार्यवाही सम्पादित करेंगे। इन बिन्दुओं में प्रदत्त निर्देशों का पूर्णतया पालन सुनिश्चित करने के लिए सभी निजी विद्यालय पाबंद हैं। इस संबंध में प्राप्त शिकायत पर कार्यवाही में विलम्ब होने की स्थिति में संबंधित अधिकारी की व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय करते हुए विभागीय नियमों के अनुसार कार्रवाई आरंभ की जाएगी।
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